भारत-पाकिस्तान संघर्षः हवाई हमलों से लेकर सीज़फ़ायर तक क्या-क्या हुआ?

INDO PAK WAR भारत ने छह और सात मई की दरमियानी रात को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में कई स्थानों पर हमले किए थे. पाकिस्तान ने इस हमले में कई लोगों की मौत के साथ बड़े नुक़सान की बात मानी थी.
जिन जगहों पर हवाई हमले किए गए उनमें पाकिस्तान पंजाब का बहावलपुर भी शामिल है. यहां भारत ने सुभान अल्लाह मस्जिद पर हमला किया गया.
चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने एक बयान जारी कर कहा था कि बहावलपुर हमले में संगठन के प्रमुख मसूद अज़हर के परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए.
फरवरी 2019 में जैश-ए-मोहम्मद ने जम्मू-कश्मीर में एक आत्मघाती बम विस्फोट को अंजाम दिया था, जिसमें 40 सैनिकों की मौत हो गई थी.
लेकिन हवाई हमले से पहले भारत के गृह मंत्रालय ने सात मई को देश के क़रीब 244 सिविल डिफ़ेंस ज़िलों में मॉक ड्रिल के निर्देश दिए थे.
भारत ने इस हमले के तुरंत बाद अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को इस बारे में जानकारी दी.
बढ़ते तनाव के बीच पंजाब और जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती इलाक़ों से लोगों ने अपने घरों को खाली करना शुरू कर दिया. इसके साथ ही सीमावर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हवाई सेवाएं भी रद्द कर दी गईं.
लेकिन इस हवाई हमले को लेकर परस्पर विरोधी बयानबाज़ी देखने को मिली. पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने छह-सात मई की दरमियानी रात को भारत के पांच लड़ाकू जेट गिराए, हालांकि भारत ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया.
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने एक प्रेस ब्रीफ़िंग के दौरान एक सवाल के जवाब में 'समय आने पर बताने' की बात की और पाकिस्तान पर 'झूठ बोलने' के आरोप लगाए.
लेकिन इस हमले ने पाकिस्तान में तीख़ी प्रतिक्रिया को जन्म दिया. पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने इसे 'हद पार करना' क़रार दिया.
चीन, रूस, क़तर और संयुक्त राष्ट्र ने जहां संयम बरतने की बात की तो ब्रिटेन और ईरान ने दोनों पड़ोसियों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की.
दूसरी तरफ़ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तनाव के जल्द ख़त्म होने की उम्मीद जताई.
उन्होंने यहां तक कह दिया कि दोनों देश "कई दशकों और सदियों से लड़ रहे हैं…मैं बस यही उम्मीद करता हूं कि यह बहुत जल्दी खत्म हो जाए."
हवाई हमले के तुरंत बाद तुर्की के राष्ट्रपति रैचप तैयप अर्देआन ने पाकिस्तान के प्रति समर्थन जताया तो वहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने इसे 'अफसोसजनक' कहा. इस बीच इसराइल ने कहा कि वो भारत के साथ है.

लेकिन भारत के हवाई हमले के बाद, 24 घंटे के अंदर ही दक्षिण एशिया में दो परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसियों के बीच जल्द ही टकराव की नौबत दिखाई देने लगी.
शनिवार को पाकिस्तानी फ़ौज के जनसंपर्क विभाग ने एलान किया कि उन्होंने भारत के ख़िलाफ़ जवाबी हमला शुरू कर दिया है.
पाकिस्तान ने भारत पर उसके तीन सैन्य हवाई अड्डों को निशाना बनाने का आरोप लगाया था. पाकिस्तान ने जिन सैन्य हवाई अड्डों को निशाना बनाए जाने का दावा किया उनमें से एक रावलपिंडी का नूर ख़ान है जो कि पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से 10 किलोमीटर दूर है.
हालांकि भारत ने अभी तक इन दावों पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
पाकिस्तान की फ़ौज के जनसंपर्क विभाग आईएसपीआर के मुताबिक़, पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई को 'ऑपरेशन बुनयान मरसूस' का नाम दिया.
एक समय ऐसा लग रहा था कि हालात और बिगड़ने जा रहे हैं लेकिन इसी बीच शनिवार को भारतीय समयानुसार शाम क़रीब 5.30 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक सोशल मीडिया पोस्ट आया जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फ़ायर की जानकारी दी गई थी.
इसके तुरंत बाद विदेश मंत्री मार्को रुबियो, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इसहाक़ डार और भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से इस ख़बर की पुष्टि की गई.
हालांकि भारतीय सेना ने सीज़फ़ायर की घोषणा के साथ ही कहा, "सेना सीज़फ़ायर को लेकर बनी सहमति का पालन करेगी, लेकिन भारत की संप्रभुता बनाए रखने के लिए सेना 'सतर्क' रहेगी."
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, "आतंकवाद के सभी रूपों के ख़िलाफ़ भारत ने लगातार कठोर और न झुकने वाला रुख़ अपनाया है. वो ऐसा करना जारी रखेगा."
भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा है कि शनिवार शाम पांच बजे से दोनों देश सैन्य कार्रवाई और फ़ायरिंग को बंद करने पर सहमत हुए हैं और दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ़ मिलिट्री ऑपरेशंस 12 मई को 12 बजे फिर से बात करेंगे.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि 'दोनों देश पूर्ण और तत्काल सीज़फ़ायर के साथ किसी निष्पक्ष जगह व्यापक मुद्दों पर बातचीत शुरू करने पर रज़ामंद हो गए हैं.
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